रात - एक रहस्य - 2

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रात 2 उसकी बात सुनकर मैंने थोड़े मुस्कुराते हुए उसकी तरफ देखा। पर कुछ नहीं कहा, वो समझ चुका था कि मैं उसका मजाक उड़ा रहा हूं। पर वो बिना कुछ बोले मुस्कुरा कर चला गया। शायद उन्हें भी आदत हो गई थी मेरे जैसे लोगों की । हम गाड़ी से वापस घर के लिए निकले तब तक रात हो चुकी थी। सड़क पर गाड़ीयों की आवाजाही कुछ कम होने की वजह से मैंने गाड़ी की रफ्तार थोड़ी ज्यादा ही रखी थी। वैसे भी भाभी जी को अब होश आ चुका था और उनपर इंप्रेशन