में और मेरे अहसास - 45

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यादों में बसाना है अकेले अकेले l तुझ से मिलना है अकेले अकेले ll   खुले आसमाँ मे आज उड़ना है l गले से लगाना है अकेले अकेले ll     *********************************     जो एहसास लिख नहीं पाए l वो अनकहे लब्ज समज जाए ll   काश मिलन की तडप यू बढ़े l बिना बुलाए पास दौड़ आए ll   काफी देरसे कौआ बोल रहा है l काश कासिद उनका संदेशा लाए ll   इसी लम्हे के इंतजार में जीते हैं l वो राहों मे खड़े हो बाहें फैलाए ll   हर दिन खुशगवार बन जाए ग़र l आज