सब अदिति को ढुंढने निकल पड़ते हैं .....उधर अदिति मदहोश सी बस चले जाा रही थी... देखते ही देखते वो पुराने किले में चली जाती है तभी अचानक कुछ गिरने की आवाज होती है जिससे मानो अदिति का ध्यान भंग हो जाता है ...अंचभे से चारो तरफ देखती है और घबरा जाती है "....मैं यहां कैसे आ गयी ...कौन सी जगह हैं ये ..."तभी एक आवाज़ आती है ..!"... घबराओ मत , मेरी सहायता करो ...मदद करो मेरी ..."" कौन हो तुम ...? सामने आओ .....और मैं यहां कैसे आ गयी कौन - सी जगह हैं ये ..."" पीछे मुड़कर