प्यार के इन्द्रधुनष - 31

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- 31 - दीवाली का त्योहार त्रेता युग से मनाया जा रहा है। चौदह वर्षों के वनवास के अंतिम चरण में आसुरी शक्तियों के महानायक रावण का वध करने के पश्चात् भगवान् श्री रामचन्द्र, माता जानकी व शेषनाग के अवतार लक्ष्मण के अयोध्या पहुँचने पर समस्त प्रजा ने उनके स्वागत में दीपोत्सव मनाकर अपना हर्ष प्रकट किया था। तब से दीवाली ख़ुशियों के उत्सव के रूप में मनाने की परम्परा अनवरत चली आ रही है। इकलौती बेटी का आग्रह मानकर चौधरी हरलाल पत्नी सहित दीवाली से एक दिन पूर्व ही डॉ. वर्मा के पास आ गए थे। डॉ. वर्मा ने