अनचाहा रिश्ता - ( अनकहे जज्बात_२) 32

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दूसरे दिन सुबह सुबह मीरा को अस्पताल से फोन आया। मीरा जब अस्पताल पहुंची उसने देखा उसके पिता अब बिना ऑक्सीजन के सांस ले रहे थे। वह रोते हुए अपने पिता के पास गई और उनके गले लग गई। मिस्टर पटेल मीरा के जज़्बात समझ रहे थे। अब उनका गुस्सा भी कल से काफी कम हो चुका था। लेकिन ऐसा क्या हुआ जो मिस्टर पटेल ने अपना नाटक एक दिन में ख़त्म कर दिया। कुछ घंटों पहले.........जैसे ही स्वप्निल ने मिस्टर पटेल को उठकर खाना खाते हुए देखा। उसे यह बात समझने में देर नहीं लगी कि मिस्टर पटेल सिर्फ नाटक कर