अनजान रीश्ता - 68

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पारुल जैसे ही बाथरूम से बाहर आती है । तभी वह समीर यानी सेम को सॉरी बोलते हुए सुनती है । जिससे वह खिड़की की ओर देखती है । तो वहां कोई नहीं था । पारुल का मन तो नहीं था एक शब्द भी मुंह से निकालने का पर फिर उसके मन में सवाल भी उठ रहे थे । इसलिए वह आखिरकार पूछ ही लेती है । पारुल: ( धीमे से ) किस... से बात कर रहे हो!! ( मानो इतने शब्द भी बोलना पारुल को कठिन लग रहे थे !) । सेम: ( पारुल की ओर मुड़ते हुए )