रात के कुछ बारह बज रहे होंगे नितिन के कमरे से कुछआवाजें उसकी माँ को सुनाई दी " नितिन तुम क्या कर रहे हो " उसकी माँ ने बाहर से आवाजदेते हुए पूछा ।एकाएक अंदर से सभी चीजों के इधर उधर गिरने कीआवाजें आने लगी , उसकी माँ ने तुरंत अंदर जाकर देखा तो नितिन ने कमरे के सारे समान इधर उधर गिरा और कुछचीजें तोड़ दी है और वह दीवाल से चिपककर बैठा कांप रहाहै वह पूरी तरह से पसीने से भीगा हुआ था ।" क्या हुआ बेटा ? " उसकी माँ परेशान होकर पूछा ।उसने वहीं सामने दीवाल की तरह