किया बजाना बंद, फेंकने वाले ने फिर वीणा मांगी ।अंतर्मन पछतावा जागा,ललक बजाने की भी जागी ।।पर फकीर ने मना कर दिया, पहले सीखो इसे बजानी । वीणा घर में रखी पुरानी,कदर न उसकी हमने जानी ।।कहो करोगे क्या तुम लेकर, यह बेकार तुम्हारे घर है ।तोड़ फोड़ फेंकोगे इसको, हमको पूरा पूरा डर है ।।अगर सीखना हो तो दूंगा,लो संकल्प हाथ ले पानी ।वीणा घर में रखी पुरानी,कदर न उसकी हमने जानी।।शांति भंग होगी तुम सबकी, अगर न इसे बजाना आया।इसीलिए मुझपर रहने दो,उस फकीर ने फिर समझाया ।।अच्छी खूब बजा सकते हो,हाथ सभीके कला सुहानी ।वीणा घर में