जिंदगी में कई गम मिलते हैं और खुशी भी मिलती है आज मैं उसी गम से हारी औरत की दास्तां बताने जा रही हूं |जिसे अपने आप से ज्यादा अपने परिवार की पड़ी रहती थी पर फिर भी उसके परिवार के कुछ सदस्य उस पर चिल्लाते तो आओ चलते हैं उस औरत की कहानी जो मैंने है पहचानी है यह बात मेरठ की है सन 2006 में उस औरत की शादी हुई 2007 में एक बच्चा पर सबको आशा थी लड़का होने की पर आई एक लड़की उस औरत को बेटा या बेटी में कोई फर्क नहीं लगता था एक