पलायन (पार्ट 1)

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उसका मन अजीब सा हो रहा था।दिल उदास था।मन मे एक के बाद  एक उटपटांग ख्याल आ रहे थे।दिन भर निठल्ला  इधर उधर घूमने के बाद वह घर लौटा था।कमरे में आते ही उसे सालू की याद आने लगी सालू आज सुबह दिल्ली चली गयी थी।पिछले काफी दिनों से रमेश सालू को दिल्ली भेजने का आग्रह कर रहा था।वह सालू के बिना नही रह सकता था।इसलिए उसके आग्रह को टालता आ रहा था। कल रमेश स्वंय आ पहुंचा।उसकी शादी को छ महीने हो चुके थे।छ महीने से सालू मायके नही गयी थी।फोन पर तो वह कोई न कोई बहाना बनाकर