20. कहीं दूर निकल जाएँ बच्चे आज कल रोजाना स्कूल के बाद सीधे भापाजी के घर आने लगे थे. स्कूल के लिए लगाई गयी कार उन्हें यहीं छोड़ने लगी थी. सोनिया ने कुछ सोच कर उनका ये कार्यक्रम बना दिया था. ज़ाहिर है भापाजी और गायत्री को इसमें कोई ऐतराज़ नहीं था. गायत्री को बच्चों के नियमित कार्यक्रम न होने से परेशानी थी जो उन्हें लगता था कि बच्चों की उचित परवरिश के लिए ठीक नहीं है. अब इस तरह एक बंधा-बंधाया कार्यक्रम उनके हिसाब से ठीक था. बच्चे शाम तक वहीं रहते. स्कूल का कुछ काम होता तो कर