तांगेवाला-दास्ताने दर्द

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"बाबूजी आओ बेठो"।मुझे देखते ही अधेड़ तांगेवाले ने जोर से आवाज लगायी थी।मैं रोज स्टेशन तांगे से आता जाता था इसलिए सभी तांगेवाले मुझे जानते थे।उस ताँगेवाले का नाम मुझे नही मालूम लेकिन वह मुसलमान था।एक बार उसी ने अपने बारे में बताया था।वह छोटी उम्र से ही तांगा चला। रहा था।मैं तांगे में जाकर बैठ गया। वह बराबर आवाज लगा रहा था,"टेसनरात अभी ज्यादा नही हुई थी।नौ बजने में भी कुछ मिनट बाकी थे।पिछले दो दिनों से शीत लहर चल रही थी।धुंध और कोहरे ने शहर को अपनी चपेट में ले रखा था।ठंड की वजह से लोग दिन में