इश्क. - 5

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वेदांत अपने बेड रूम में बैठा हुआ है। पंखे की ओर उसकी नजर टिकी हुई है। और अतीत को सोच रहा है ।जिस तरह फंखा अपने द्वारा सेट किए हूए गति में घूम रहा है उसी तरह ही हमारी जिंदगी है ।हमारी जिंदगी की रिमोट भगवान के हाँथ में है ।सुनहरा कलर की घड़ी दीवाल में टंगी हुई है ।अपना समय सेकंड ,मिनट ,घंटे में चल रहा है ।हमें इसी समय के मुक़ाबिक शेड्यूल बनाना होगा ।फिर पंखे से अपना निगाह हटा कर अपने सूटिंग के काम मे ध्यान जाता है । कल की जितना सूट किये है उसकी समीक्षा