अस्पताल में एक घंटा

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एक दिन मेरे एक रिश्तेदार को सरकारी अस्पताल में दाखिल किया गया था । उसका पैर फ्रैक्चर हुआ था मैं अस्पताल में मरीज से मिलने गया था । वह मरीज मेरा बहुत अच्छा रिश्तेदार था । मेरे सुख दुःख में वह मेरा साथ देता था । इसलिए मेरा फर्ज था कि एक बार में उसको मिलने जाऊँ । वह अस्पताल विविध प्रकार के रोगियों से भरा हुआ था । मेरे उस रिश्तेदार को देखते ही मेरी भावनाएँ विचलित हो गयी । वह सरकारी अस्पताल था । इसलिए वहा कई लोगों की भीड़ थी । सभी लोग अपने-अपने मरीज से मिलने