रक्षक

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सब कुत्ते मैदान में आकर इकठे हो गए थे।रोज शाम को ऑफिसर कॉलोनी के बंगलो के नौकर कुत्तो को लेकर इस मैदान में आ जाते।फिर वे अपने अपने कुत्तो को खुला छोड़ देते।कुत्ते इस मैदान में इकठे होकर घास में लोटपोट लगाते।एक दूसरे से हाल चाल पूछते। खेलते कूदते।हंसी मजाक करतेऑफिसर कॉलोनी में काम करने वाले नौकरो ने बंगलो के सामने मैदान के उस पार खाली पड़ी सरकारी जमीन में अपनी झोपड़ियां बना ली थी।इन झोपड़ियो से मिलने वाली झूठन की आस में एक कुत्ता यहाँ आ बसा था।साहिब लोगो के कुत्ते बंगलो में जंजीरो में जकड़े रहते।शाम को सब