स्त्री.......(भाग-20)मेरे पति वापिस चले गए और मैं बिल्कुल अकेली रह गयी...। सुनील भैया और सुमन दीदी फोन करके हालचाल लेते रहते थे, बाकी अपने अपने काम और घर में बिजी हो गए और मैंने भी अपने आप को काम में बिजी कर लिया। काम बढ़ाने के लिए मुझे अपनी वर्कशॉप के लिए जगह भी बड़ी चाहिए थी, बस उसी की तलाश शुरू कर दी थी। अभी जिस घर मैं रह रही थी वो भी तो पति को उनके मालिक ने रहने को दिया था और अहमदाबाद में वो किराए पर रह रहे थे, पर अब तो वो भी खाली करना