स्त्री......(भाग--18)माँ की तबियत उस दिन के बाद ठीक ही नहीं हुई.....डॉक्टर्स को दिखाया वो दवा देते और कहते आप इन्हें खुश रखिए...सुमन दीदी और सुनील भैया अपने बच्चों के साथ मिलने आते पर कुछ भी काम नहीं कर रहा था दोनो बहन भाई अपने बड़े भाई साहब को भी माँ की तबियत का कहते तो वो फिक्र तो जताते पर कहते कि नया काम है, छुट्टी मिलते ही आता हूँ........माँ को फोन मिला कर भी दिया कि बात करो पर माँ ने मना कर दिया। माँ की हालत देखी नहीं जा रही थी...बस चुपचाप लेटी रहती। कमजोर होती चली जा