8 30.8.2021 आखिर बारिश थमी। जीने की आशा प्रबल हुई। सुबह होते ही एक एक करते वह ओपनिंग में से ऑक्सीजन बोतलें आई। एक मजबूत रस्सी आई। एक बचावगीर अब दिगीश को ले कर सीढ़ी पर करता था उसने जैसे तैसे अर्ध बेहाश दिगीश को तो जगा कर सीढ़ी से रस्सी तक और बाहर भेजा लेकिन उसके खुद के हाथ से सीढ़ी की पाईप छूट गई। वह सीधा गहरे कीचड़ और गंदे पानी में जा गिरा। उसकी एक भयावह चीख गुफ़ा में गूंज रही। तोरल ने अपनी तीखी आवाज़ में बूम दी - "आपका एक सेवक मारा गया।" ऊपर से