2 24.8.2021 सुबह होते ही हम सब किराए की साइकिलें ले कर निकल पड़े सासण की ओर। साथ में थोड़े बिस्किट, सेब, दो तीन पेंसिल टोर्च - यह सब रखे। मैंने वह विस्तार का नक्शा भी रखा। आगे तो वन विभाग का जंगल आया। गुफ़ा का रास्ता किसी चरवाहे ने बताया। उसने कहा कि आगे घने जंगल से गुजरना होगा। गुफ़ा बड़ी है ऐसा कहते है लेकिन कितनी सलामत है यह उसे भी पता नही था। "सर, भरोसा रखो।वह गुफ़ा शुरू में संकरी है लेकिन आगे बहुत चौड़ी है, साठ किलोमीटर तक। जूनागढ़ शहर तक। मैने यू ट्यूब वीडीयो देखा