सफ़ल फिल्मी सितारों की अगर बात करें तो उनकी आने वाली पीढ़ी एक तरह से कह सकते हैं कि..अपने 'मुँह में चाँदी का चम्मच ले कर' पैदा होती है। उन्हें वह सब ऐशोआराम और विलासिता भरा जीवन एक तरह से बिना किसी प्रकार का संघर्ष या जद्दोजहद किए आसानी से तश्तरी में सजा सजाया मिल जाता है। इसी तरह शुरुआती कैरियर के मामले में भी आमतौर पर इन स्टार किड्स को किसी किस्म की दिक्कत या परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता कि बड़े नाम वाले उनके पिता.. माँ या किसी अन्य नज़दीकी की वजह से उनकी फिल्मों को कहानी, कास्ट..कॉस्ट्यूम