बरखा बहार आई - भाग(२)

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उसने मुझे सुन्दर कहा तो मैने भी पूछ लिया.... सब तो मुझे बदसूरत कहते हैं,तुमने मुझे सुन्दर क्यों कहा? वो बोला.... तुम सुन्दर हो इसलिए सुन्दर कहा.... तुम झूठ कहते हो,मैं बिल्कुल भी सुन्दर नहीं हूँ,मैने कहा।। जो मन से अच्छे होतें हैं वो हमेशा सुन्दर होते हैं,वो बोला।। तभी बारिश की बूँदों की रफ्तार बहुत तेज हो गई और हम अपने ठहरने के लिए कोई जगह ढ़ूढ़ने लगें,मैने कहा उस पेड़ के तले चलें,वो बोला... पागल हो क्या? बिजली गिर पड़ी तो।। तब मैने कहा.... वो देखो किसी की झोपड़ी दिखाई दे रही है।। उसने कहा ,चलो....