क्यों री! आज क्या बो रही है क्यारी मे? नयनतारा की साथी लीला ने पूछा।। थोड़ी सी भिण्डी और बैंगन,नयनतारा बोली।। देख तो कितने बादल चढ़े हुए है,अभी बारिश आने वाली है,वैसे भी सावन का महीना है,तेरे बीज बारिश पड़ने से बिखर जाऐगें,ये टेम ना था इन्हें बोने का,नयनतारा की साथी लीला बोली।। जीजी.... जिन्दगी तो वैसे भी बिखरी हुई है,बीजों के बिखरने से क्या फरक पडने वाला है?नयनतारा बोली।। क्यों री हमेशा ऐसी बुझी बुझी सी बातें क्यों करती है? नयनतारा की साथी लीला बोली।। तो जीजी! तुम ही बताओ,इस जेल की चारदिवारी में इन्सान