नागमणि का अद्भुत रहस्य (भाग - 2)

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कुछ ही सेकंड मे रंजीत की आँखों के सामने अंधेरा छा गया और वो अपने होशो हवाश खो चूका था। जब रंजीत की आँख खुली तो ख़ुद को एक कुर्सी से मजबूती से बंधा हुआ एक बंद कमरे मे पाया, पूरे कमरे मे एक अजीब सी गन्ध आ रहीं थी। रंजीत को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था की वो इस समय कहाँ है लेकिन एक चीज उसे बखूबी समझ आ चुकी थी की उन नक्सलियों ने उसे बंदी बना लिया था। लेकिन क्यूँ? क्या चाहते थे वो रंजीत से? वो चाहते तो रंजीत को उसी समय मार सकते