ऑफ़िस - ऑफ़िस - 3

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मोबाईल पर हाथ रख कर धीमी आवाज़ में मुस्कुराते हुए मुझसे पूछा "कैसी लगी रिंगटोन ?" मैं कुछ जवाब देता उससे पहले ही वो फ़िर बोला "मुझे इतनी अच्छी लगती है ना, तभी पूरी रिंगटोन बजने पर ही मैं फ़ोन उठाता हूं" उसने अजीब सी हंसी चेहरे पर लाते हुए कहा ।मैं बेचारा क्या करता मुस्कुरा कर उंगली और अंगूठे को जोड़ ॐ वाली मुद्रा बना कर इशारे में ही कह दिया बहुत अच्छी है ।मगर दिल में सोच रहा था ये किससे पाला पड़ गया । "अबे साले तू ?" वो सामने से आवाज़ सुनते ही अपनी भौहें चढ़ा कर इतनी