अपने अपने घर पर आने के बाद, सब कही न कही busy हो गए। उसी तरह jiya भी अपने आर्टिकल्स कंप्लीट करने की tension में कुछ सोचने लगी। साथ ही उसे परसो sir के साथ होने वाली मीटिंग की चिंता सताने लगी।पहले भी कई बार वो इसका alternative सोच चुकी थी, पर कोई solution न मिलने पर, वापस यही काम जारी रखना उसे सही लगा। जिया अपने 2 bhk flat में अकेली ही रहा करती थी, जब वो 18 साल की हुई थी उस वक्त के आस पास ही , उसके पापा का transfer लखनऊ हुआ था, जब से ही