जीवन के सप्त सोपान 5 ( सतशयी) ------------------------------ अर्पण- स्नेह के अतुल्नीय स्वरुप,उभय अग्रजों के चरण कमलों में सादर श्रद्धा पूर्वक अर्पण। वेदराम प्रजापति मनमस्त आभार की धरोहर- जीवन के सप्त सोपान(सतशयी)काव्य संकलन के सुमन भावों को,आपके चिंतन आँगन में बिखेरने के लिए,मेरा मन अधिकाधिक लालायत हो रहा है।आशा और विश्वास है कि आप इन भावों के संवेगों को अवश्य ही आशीर्वाद प्रदान करेंगे।इन्हीं जिज्ञाशाओं के साथ काव्य संकलन समर्पित है-सादर। वेदराम प्रजापति मनमस्त गायत्री शक्ति पीठ रोड़ गुप्ता पुरा(ग्वा.म.प्र.) मो.9981284867 तृतीय- विमुक्त पथ-