आख़िर वह कौन था

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सोलह वर्ष की हँसती-खेलती सुशीला गुमसुम-सी बहुत उदास रहने लगी थी। कुछ दिनों पहले उसकी माँ इमारत पर काम करते समय, गिरकर स्वर्ग सिधार गई थी। पिता तो पहले ही स्वर्ग सिधार चुके थे। अब उनकी खोली में सुशीला के अलावा कोई नहीं था। यह अकेलापन ही उसकी उदासी का कारण था। माँ के निधन के बाद एक दिन उसने बिल्डर से कहा, "साहब मैं अपनी माँ की जगह पर काम करना चाहती हूँ, यदि आप हाँ कहें तो..." "नहीं-नहीं अभी तो तुम्हारी उम्र कम है, मैं तुम्हें काम नहीं दे सकता।" "साहब उम्र से क्या होता है, अगर आप काम नहीं दोगे तो