यहा इत्तेफाक ये है की दोनो की शादी एक दूसरे से ही हो रही है पर दोनो गम मै इतने डूबे है की उनको पता ही नही चला अगर फोटो देख लेते तो शायद ....... दोनो की शादी हो गई वो शादी के बाद इनदोर से जयपुर आ गये जहा राज के दादा जी की पुस्तैनी कोठी थी विर प्रताप सिंह रिटायर हो गये थे तो अब सब लोग जयपुर सिफ्ट हो गये थे। सारी सादी की रस्मे पूरी हुई कुलदेवी के दर्शन हो गए, पूरे दो दिन बाद दोने आज साथ होने वाले थे। सारे मेहमान चले गए ,राज की भाभी ने सुहाग की सेज सजाई ओर खुशी को राज के कमरे मे ले गई जो अब उसका भी था। रात के बारा बजे रुम का दरवाज खुला खुशी ने