"आओ आओ अम्मा! इस बार बहुत दिनों बाद दर्शन दिए तुमने। कहीं चली गई थी क्या!" "अरे, मैं कहां जाऊंगी बहुरिया! वो बहु बीमार थी। बस इसलिए निकलना ना हुआ और सुना बाल बच्चे सब सही!" "हां अम्मा! आपकी दुआ है।" "अम्मा चाय बना दूं क्या! वैसे तो रोटियों का समय है। खाना ही खा लो!!" " ना ना शोभा। ना चाहे पियूंगी ना खाना। पेट भरा है मेरा। आज बहू ने मेरी मनपसंद करेले की सब्जी बनाई थी जबरदस्ती कर मुझे एक रोटी ज्यादा खिला दी!! सच अब बिल्कुल भी इच्छा ना है!!!" "यह क्या बात हुई भला! इतने