अनोखी दुल्हन - ( छोड़ी हुई दुल्हन_३) 33

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भरी दोपहरी, जब सर पर सूरज देव तांडव कर रहे थे। ऐसी गर्मी में भी यमदूत को ठंडी हवाएं महसूस हो रही थी। वो एक चेहरा जो वो इतने दिनो से देखने के लिए तड़प रहा था। आखिरकार दिखा। यमदूत ने तुरंत एक मंत्र बोला और अपने आप को अदृश किया। माना वो सनी से मिलना चाहता था, लेकिन सनी उसके बारे में क्या सोचती है, ये उसे अब तक पता नहीं है।सनी को मानो अपने आस पास किसी के होने का एहसास हुआ हो। वो यमदूत के पास आकर रूकी। उसने अपने आस पास देखा। पर वहा कोई नही