बद्री विशाल सबके हैं - 7

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बद्री विशाल सबके हैं स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना धीरू ने लौट कर अपनी ड्यूटी ज्‍वाइन कर ली । मार्च के महीने में तीन –चार दिन की छुट्टियां पड़ीं । उसके साथी घूमने जा रहे थे ,उससे भी प्रस्‍ताव किया, वह तैयार हो गया ।सब जगह निश्चित नहीं कर पा रहे थे ,तो धीरू के प्रस्‍ताव पर सहमति बन गई। वे सब नौजवान थे नई नौकरी थी उस हिसाब से फूलों की घाटी पास थी उनकी सीमा में थी फिर धीरू हो आया था अत: सब दोस्‍त आश्‍वस्‍त थे। अभी मौसम खुशनुमा था सर्दी जा रही थी गर्मी आई न थी