मौत का खेल - अंतिम भाग

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डॉ. वीरानी की वापसी रात के नौ बजे थे। शहर से दूर शरबतिया हाउस में इस वक्त काफी रौनक थी। आज राजेश शरबतिया की शादी की सालगिरह थी। मैरेज एनिवर्सरी की पार्टी हाल की जगह बाहर लॉन में हो रही थी। जगह-जगह कैंप फायर का इतंजाम था। शरबतिया की शादी की सालगिरह का सभी को इंतजार रहता था। यह पार्टी बहुत भव्य होती थी। इसमें दुनिया भर की मंहगी वाइन परोसी जाती थी। कुछ स्कॉच तो इतनी मंहगी होती थीं कि उसकी एक बोतल की कीमत में एक आम इनसान की जिदंगी भर की कमाई खर्च हो जाए। लोगों के