पाऊं मे जंजीर आज भी है जिसका नाम संस्कार हैये हमारी कोई सुरक्षा नहींये उनका अंहकार हैबेमतलबी सवाल तेरे जवाब बने बहस मेरे बोलना बना बदतमीजीऐसी एक चिड़िया कि कहानी"मुंह चलना बंध कर ।चुप होजा ख़तम करतू नादान है नासमझ हैबुरे भले कि कहा परख हैवो तेरा इस्तमाल करेगाफिर कूड़ा फेक देगाये पिंजारा हिफाजत करेगादाना पानी भी मिलेगाबस सलाखों के पीछे रहना हैहँसना है गाना है परपिंजारा ना तोड़ ना हैटुटा तो हमारे नाम का क्याहमे मिलते सन्मान का क्याएक चीडा आएगा तुझे उडा ले जाएगातू अकेले मत उड़नाउसके साथ डोरी अपनी बांधे रखानावो जहां उड़े तू भी उड़ सकेगीउसका आसमा तू भी देख सकेगीचिडियां