सागर उस बस्ती में गया जहाँ वो बच्ची रहती थी वहां की हालत देखकर उसका मन व्याकुल हो उठा जब वो उस बच्ची के घर गया तो घर क्या था सिर्फ एक छोटा सा कमरा था जहाँ बहुत ही कम सामान था देखा एक खाट पर उस बच्ची की माँ अपने जीवन की अंतिम सांसें गिन रही थी एक कोने में स्टोव रखा था एक दूसरे कोने में पीने के पानी की मटकी रखी थी घर में अनाज के दाने का नामोनिशान तक नही था कुछ बर्तन थे जो इधर उधर बिखरे पड़े थे पूरा कमरा एक अजीब सी गंध से दहक रहा था बच्ची