प्यार के इन्द्रधुनष - 20

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- 20 - दुनिया के प्रत्येक धर्म में व्रत-त्योहारों का महत्त्व है। व्रतों का प्रावधान जहाँ वैयक्तिक स्वास्थ्य से सम्बन्धित है, वहीं त्योहार-उत्सव सामाजिक व्यवस्था में हर्षोल्लास का संचार बनाए रखने के लिए मनाए जाते हैं; किसी महान् ऐतिहासिक घटना अथवा समाज के महानायक के योगदान की स्मृति में मनाए जाते हैं ताकि आने वाली पीढ़ियाँ उनसे प्रेरणा लेकर सत्कार्यों की ओर उन्मुख हों। व्रत रखने के पीछे वैज्ञानिक सोच है। व्रत रखने से शरीर में से विषैले पदार्थों का उत्सर्जन होता है और शरीर स्वस्थ रहता है। हमारे ऋषि-मुनियों तथा धर्माचार्यों ने साधारणत: अशिक्षित जनता को इस ओर प्रवृत्त