नैनं छिन्दति शस्त्राणि - 55

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55 इस सप्ताह समिधा व रोज़ी का कार्यक्रम काफ़ी व्यस्त था, सारांश भी व्यस्त था परंतु वह जैसे ही काम से ख़ाली होता उसे अकेलापन कचोटना लगता | उसे अपनी इन मित्रों के साथ अपनी शामें बिताने की आदत पड़ गई थी अत: इस बार उसने अकेलापन महसूस किया | अपने ऊपर सारांश को हँसी आई, पहले भी तो वह अकेला ही घूमता रहता था, अब उसे इन मित्रों की आदत पड़ गई थी | इस ख़ाली व अकेले समय में उसने अपने व समिधा के बारे में गंभीरता से सोचा | फ़ोन पर माँ से बात करके समिधा के