ऑफिस में चारों ओर अफरातफरी का माहौल था। हर किसी का चेहरा आज उतरा हुआ था। हर बार की तरह इस बार इस न्यूज को कवर करनें का न तो किसी में वो जोश था और न ही धैर्य! आखिर मामला भी तो कुछ ऐसा ही था। मीडिया हाउस की सीईओ मिसेज़ मिताली आहलूवालिया की नौ साल की मासूम भतीजी को स्कूल वैन - ड्राइवर और उसके कुछ साथियों नें मिलकर गैंगरेप करके ज़िदा जलाने का जघन्य अपराध व घिनौनी कोशिश जो की थी। जहाँ हर तरफ़ इसकी कवरेज़ के लिए कई फीमेल रिपोर्टर्स आत्मविश्वास की कमी दिखा रही थीं