भाग -30 हमने देखा कि उनका मूड अच्छा-खासा खराब हो गया है। उनके जाने के बाद मैंने छब्बी से पूछा, 'अब ये नई कहानी क्या है? मुझे पहले कुछ बताये बिना अचानक सामने खड़ा कर दिया। और वो प्याज, पान, रंग की नौटंकी का क्या हुआ?' मेरे इतना कहते ही छब्बी बोली, 'तू अगर मेरी बात मानता चलेगा, तो यहाँ जो कुछ अपना है, वह सब-कुछ आराम से ले चलेंगे। किसी तरह की चिंता, कोई डर नहीं रहेगा। तुम ये तय मान लो कि अब ये साहब को आगे करेंगी, लेकिन अब मुझे उनकी भी चिंता नहीं, बहुत देखा है