वह अब भी वहीं है - 1

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प्रदीप श्रीवास्तव कॉपी राइट:लेखक प्रथम संस्करण:२०२१ आवरण चित्र: धीरेन्द्र यादव 'धीर ' आवरण मॉडल: अधरा शर्मा आवरण सज्जा: प्रदीप श्रीवास्तव कम्प्यूटर टाइपिंग:धनंजय वार्ष्णेय ले-आउट:नवीन मठपाल   समर्पित पूज्य पिता ब्रह्मलीन प्रेम मोहन श्रीवास्तव एवं प्रिय अनुज ब्रह्मलीन प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, सत्येंद्र श्रीवास्तव की स्मृतियों को   पूज्य पिता श्री प्रिय प्रमोद               प्रिय सत्येंद्र --------------   भूमिका एक मुट्ठी सपने के लिए हर उपन्यास, कहानी के पीछे भी एक कहानी होती है. जो उसकी बुनियाद की पहली शिला होती है. उसी पर पूरी कहानी या उपन्यास अपनी इमारत खड़ी करती है. यह उपन्यास भी