उजाले की ओर-----संस्मरण

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उजाले की ओर --संस्मरण ----------------------- नमस्कार मेरे सभी स्नेही मित्रों को पता है ,जब कभी युवाओं से मुखातिब होते हैं तो हमें लगता है हम फिर से युवा हो गए हैं | किसी भी परिस्थिति में आपके बुज़ुर्गों को आपके साथ की ज़रूरत होती है | चाहे वह सुख हो अथवा दुख ! बुज़ुर्ग अपने युवाओं से कोई भी बात साझा करके बड़े आनंदित होते हैं | उन्हें लगता है कि वे अपने अनुभवों से अपने बाद की पीढ़ी को कुछ दे रहे हैं | साथ ही युवा पीढ़ी से वे बहुत कुछ सीखते हैं और