हारा हुआ आदमी (भाग 41)

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"रात का सन्नाटा।सर्द मौसम।रात को बंद कमरे में सिर्फ तुम और मैं।इस समय मैं अपने बेडरूम मेंबिस्तर पर अर्ध निर्वस्त्र पड़ी हूँ।"माया ने अंधेरे में तीर छोड़ा था।"अगर मैने शोर मचा दिया तो क्या होगा?""तो क्या होगा?"माया कक बात सुनकर देवेन बोला।आसमान में जोर से बिजली चमकी थी।जिसका प्रकाश बेडरूम के खिड़कियों के शीशो को पार् करके अंदर चला आया।उस प्रकाश में देवेन ने देखा।माया ब्लाउज और पेटीकोट में बिस्तर पर है।पेटीकोट जांघो तक ऊपर है।"मेरी चीख सुनकर पड़ोसी दौड़े हुए चले आएंगे।मुझे इस हाल में देखकर लोगो को समझते हुए देर नही लगेगी।लोग क्या सोचेंगे जानते हो?"माया की बात