गाँव की लोक कहानियां - 2 - राक्षस का भाई भाक्षस

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गतांक से आगें:- जब वे दोनों अर्थात साहूकार का लड़का और ब्रह्माण का लड़का विश्राम करने के बाद उठते है तो फिर वे दोनों शहर के तरफ जाने वाले रास्ते में आगे बढ़ते हुये अपनी यात्रा को शुरू कर देते है। कुछ दूरी तक चलने पर उन दोंनों को रास्ते में एक नगाड़ा मिलता है तो ब्राह्मण का लड़का उसे भी उठाकर अपने पास रख लेता है। इसी तरह से रास्ते पर चलते हुुये उन्हें साहींकांटा(शाही कांटा),जमूरा आदि समान मिलता है जिन्हें ब्राह्मण का लड़का उठाकर अपने पास रख लेता है। अब वे सभी समान को