इश्क फरामोश - 18

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18. ये भी होना ही था. सुजाता को भारत आये हुए तीन हफ्ते हो चुके थे. दाढ़ का इलाज भी हो चुका था. फिलिंग सही हो गयी थी. क्राउन भी सही तरीके से फिट हो गया था. इस दौरान उनका पांच बार रौनक से मिलना हुआ. हर बार रौनक ने बेहद आत्मीयता से सावधानी के साथ उनका इलाज किया. आख़िरी सिटींग में क्राउन को थोडा घिस कर उसे बिलकुल आरामदायक बना दिया. “आप कुछ दिन अच्छे से परख लें. अगर ज़रा सी भी उलझन या परेशानी लगे या मसूढ़े में दर्द हो तो आप मुझे फ़ौरन फ़ोन करियेगा. आप को