(10) कासिम कभी आश्चर्य से हमीद को देखता था और कभी बौखला कर निलनी की ओर देखने लगता था। अचानक हमीद झुक कर उसके कान में धीरे से बोला। ‘मेरे साथ इससे भ ज्यादा पासिं लड़की है...तुम बिलकुल परवाह न करो। हम दोनों बहुत भूखे हैं, कुछ खाने को हो तो दो।” “कहाँ है लड़की?” कासिम ने पूछा। “उधर गुफा में --” हमीद बाईं ओर हाथ उठा कर बोला। “देखे बिना यखीन नाही कर सकता समझे !” “ठहरो ...मैं उसे यहीं लाता हूं ।” “जाओ ...ज़रूर ...लाओ।” हमीद गुफा की ओर लपका ज़ “यह कौन था ..क्या कह रहा था