निम्की - 2

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(2) धर्म की आंचगांव में निम्की के किस्से आम थे पर जमीदारो और पंचायत के आगे किसकी चलने वाली है? वक्त ने सबको आगे धक्का दिया और सब अपनी-अपनी में लग गए। पर निम्की और मुसीबत का चोला सांझा था। सावन मास का तीसरा दिन होगा जब दोपहर को रामवेत ब्राह्मण के कहने पर गांव वाले इक्ठे हुए।रामवेत ने मनो सर पर आसमान ले रक्खा हो - इस निम्की ने नाक में दम कर रखा है गांव की खुशाली तो इससे देखि नहीं जाती अब इसने धर्म को भी सहारा देना जरूरी नहीं समझा है। रामवेत अपने पुरे वेग से निम्की पर