भुज का धरतीकम्प

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[ नीलम कुलश्रेष्ठ ] "इज़रायली --इज़रायली --केम रड़े छे [ क्यों रो रही है ] ?" वह मोटी, काली, चौड़े मुंह वाली लाल नीली धारियों वाली सीधे पल्लू की साड़ी पहने हीरू बेन बार बार अपनी बहिन की बेटी को तीसरी बार ट्रेन की सामने की बर्थ पर चुप कराने में लगी थी. उसकी तीनों बहिनें भी ऐसी ही मोटी थीं. उसे उन्हें देखकर ताज्जुब हो रहा था क्योंकि गुजराती स्त्रियां कमनीय नैन नक्श व आकर्षक चेहरे के लिए मशहूर हैं। इनसे बातों ही बातों में पता लग गया था कि ये कच्छ के बचाऊ तालुका में रहतीं हैं। दूसरी