टेढी पगडंडियाँ 20 किरण उस दिन पूरी खुश थी । हर औरत का सपना होता है एक घर जिसे वह अपने तरीके से सजा सके , सँवार सके और आज उसका यह सपना पूरा हो गया था । आज वह इस कोठी की मालकिन हो गयी थी । उसके पैर जमीन पर नहीं पङ रहे थे । उसकी तकदीर इस तरह चमकेगी , आज से पाँच महीने पहले उसने सोचा न था । वह एक एक चीज को छू कर देखती । उसे कई कई बार कपङे से पौंछती । यहाँ से उठाकर वहाँ करती नाचती फिर