Rewind ज़िंदगी - Chapter-5.5:  प्यार एवं जुदाई

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Continues from the previous chapter…Chapter-5.5: प्यार एवं जुदाईकीर्ति वापस से अपनी ज़िंदगी की यादों को Rewind मोड पर ले गई। उस पल जब दोनों एक दूसरे के भरपूर प्रेम में थे, और नई नई जगह घुमा करते थे।“बाप रे कितनी ऊंची जगह है, मैंने तुझे कहा है ना मुझे ऊंचाई से डर लगता है, फिर तू ऐसी जगह क्यों ले आया मुझे?”“तुझे खाई में गिराने ले आया हूं।” माधव ने गुस्से में आकर कहा, “हद है तेरी! तुझे एक तो इतनी अच्छी रोमेंटिक जगह पर ले आया हूं और तू है कि फालतू में डरे जा रही है। मैं हूं