पूरी बात जानकर आगोश की मम्मी बेहोश होकर गिर पड़ीं। मान्या ने मनन को आवाज़ दी और दोनों ने मिलकर उन्हें संभाला। ये भी अच्छा था कि आज मान्या और मनन वहीं थे, वरना आमतौर पर तो वो अकेली ही होती थीं। उनके पति तो अगर शहर में होते भी थे तो अक्सर क्लीनिक में ही होते थे। जब आर्यन का फ़ोन आने पर उन्होंने आवाज़ देकर डॉक्टर साहब को पुकारा था तो वो आ नहीं सके। वो अपने कमरे में ही थे मगर आज सुबह- सुबह एक बेहद मोटी सी किताब लेकर उससे उलझे हुए थे। वो पत्नी के