किसी ने सपने में भी ये कल्पना नहीं की थी कि ये दिन देखना पड़ेगा। आख़िर क्या चाहता है विधाता? उसकी लीला अपरम्पार! सिद्धांत, मनन और साजिद को अब इन तैयारियों में लगना पड़ा। मनप्रीत अपने इन सब दोस्तों के साथ आ तो नहीं सकी थी लेकिन घर में कई बार रोई। मधुरिमा का तो फ़ोन पर ही बुरा हाल था। तेन ने भी एक मिनट तक फ़ोन पकड़े - पकड़े ख़ामोश रह कर मानो वहीं से श्रद्धांजलि दी। आर्यन भी दोपहर की फ्लाइट पकड़ कर चला आया। आगोश की मम्मी का तो रोते- रोते बुरा हाल था। उन्हें खाने-